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लेखनी कहानी - आत्मा आह्वान की विधि - डरावनी कहानियाँ

आत्मा आह्वान की विधि - डरावनी कहानियाँ

 आत्मा आह्वान की कई विधियां भारत में प्रचलित है – आटोमेटिक राइटिंग (स्वचलित लेखन), आटोमैटिक टायपिंग, बालक के द्वारा, यंत्र द्वारा आत्मा आह्वान, प्लेनचिट द्वारा तथा आत्म रत्न के द्वारा।


आटोमेटिक रायटिंग :- इस विधि में साधक को एक माध्यम की आवश्यकता होती है जो सरल चिŸा और निस्वार्थ मन का व्यक्ति हो। अनुभवी साधक या व्यक्ति बिना माध्यम के भी यह प्रयोग स्वयं कर सकता है। इस प्रयोग को रात में किसी शांत कमरे में करना चाहिए। सर्वप्रथम कमरे में धूप या अगरबत्ती जलाकर कमरे के वातावरण को शुद्ध एवं पवित्र बना लें। तत्पश्चात् माध्यम को पीले आसन पर बैठाकर चारो तरफ 4-5 व्यक्तियों को बैठा दें और माध्यम के हाथ में एक पेन दे दें तथा सामने एक कापी रख दें। अब सभी लोग हाथ जोड़कर किसी आत्मा का आह्वान करें और साधक आत्मा आह्वान मंत्र का 11 या 21 बार जप करें। तो आत्मा उस माध्यम के शरीर में प्रवेश कर जाता है तथा आपके द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब कलम से कापी के पन्नों पर लिख कर देता है।


आटोमेटिक टायपिंग विधि :- यह भी आटोमेटिक रायटिंग की तरह प्रयोग किया जाता है। फर्क सिर्फ इतना होता है कि इस विधि में टायपिंग की आवश्यकता पड़ती है। इस प्रयोग में माध्यम को टाईप राइटर के सामने बैठाकर उपरोक्त विधि के अनुसार आत्मा का आह्वान किया जाता है, तब आत्मा आकर टाइप राइटर के जरिये साधक द्वारा पूछे गये सवालों का जवाब देता है।


बालक द्वारा :- इस प्रयोग के लिए 8 या 10 वर्ष के आयु के बालक की आवश्यकता पड़ती है, जो शांत चित् और सरल स्वभाव का हो। उसे एक छोटे से कमरे में बैठाकर 6-7 व्यक्ति उसके सामने बैठ जायें तथा कमरे को अगरबŸाी जलाकर वातावरण को शुद्ध कर दें और बालक के कपड़े पर इत्र लगा दें। फिर साधक आत्मा आह्वान मंत्र का 21 बार आत्मा के नाम सहित उच्चारण करें और सामने बैठे हुए सभी व्यक्ति हाथ जोड़कर निवेदन करें कि अमुक आत्मा इस बालक के शरीर में विराजमान हों। ऐसा 5 या 7 बार करने से बालक के चेहरे का रंग स्वतः बदल जाएगा। तब आप समझ लें कि आत्मा आ गई है। अब आप उस आत्मा से उसका नाम पूछें। फिर जो भी सवाल पूछना चाहते हों वह पूछ सकते हैं।


आत्मा आह्वान यंत्र :- यह यंत्र विशेष प्रकार से ताम्र पत्र पर अंकित होता है। यह यंत्र बहुत प्रभावशाली होता है। इसके माध्यम से किसी भी आत्मा सें डायरेक्ट संबंध स्थापित किया जा सकता है और सामान्य व्यक्ति भी इसके माध्यम से किसी भी आत्मा से डायरेक्ट संबंध स्थापित किया जा सकता है और सामान्य व्यक्ति भी इसके माध्यम से किसी भी आत्मा से किसी भी प्रकार के सवालों का जवाब प्राप्त कर सकता है। इस प्रयोग को रात के सात बजे के लगभग करना चाहिए। सर्वप्रथम लकड़ी के तख्ते पर सफेद आसन बिछाकर आत्मा आह्वान यंत्र को स्थापित कर दें और सामने घी का एक दीपक जला दें तथा अगरबाी धूप या गुगुल जलाकर कमरें के वातावरण को शुद्ध बना लें। तत्पश्चात् आत्मा आह्वान मंत्र का 21 बार जप करें। तो दीपक की लौ हिलकर इस बात का संकेत देता है कि आत्मा यंत्र में विराजमान हो गयी है। कभी-कभी तेज हवा का झोंका का अनुभव भी होता है। तब हाथ जोड़कर नम्र भाव से जो कुछ पूछना हो वह पूछ सकते हैं और अंत में हाथ जोड़कर कहें आप हमारे बुलाने पर आये इसके लिए आपको धन्यवाद। अब आप जा सकते हैं। इसी तरह आप अपनी समस्याओं का समाधान आत्माओं के द्वारा पूछ सकते हैं। ध्यान रहे किसी आत्मा को बार-बार बुलाकर कष्ट न दें।


प्लेनचिट :- लेनचिट का अविष्कार 1889 में इंग्लैंड के परावैज्ञानिक चैटस्मिथ के द्वारा किया गया था। इस प्रयोग में एक सनमाईका प्लाई की आवश्यकता होती है जो दो फिट लंबा और दो फिट चैड़ा होता है। उस सनमाईका में किसी पेंट से एक गोल घेरा बनाएं उसके चारों तरफ ’ए‘ से ’जेड‘ तक के सारे अक्षर क्रमानुसार लिखें और घेरे के बीच एक से नौ तक के अंक भी लिखें तथा एक शून्य भी बनायें चारों दिशाओं में उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भी लिखें। घेरे के मध्य में यस और नो लिखें। फिर उसे धूप में सुखा दें। जब प्रयोग करना हो, तब किसी एकांत कमरे में धूप दीप जलाकर कमरे के वातावरण को शुद्ध बना लें। तत्पश्चात कांसा, त्रिधातु या अष्ट धातु से निर्मित कटोरी या प्लेनचिट उलटा रखें जो विशेष अवसर पर निर्मित एवं आत्मा आह्वान मंत्र से चैतन्य किया गया हो।

फिर 4-5 व्यक्ति उस कटोरी पर हल्के से अपनी तर्जनी उंगली रखें। तत्पश्चात जिस आत्मा को बुलाना हो उस आत्मा का ध्यान करते हुए आत्मा आह्वान मंत्र का 11 या 21 बार जप करें तो कटोरी स्वयं चलने लगेगी तब एक कोने में मिश्री या शक्कर का नैवेद्य रख दें और उस आत्मा से उसका नाम पूछें तो वह कटोरी फिसलती हुई पहले आर में फिर ए पर फिर एम फिर आर, ए, जे पर प्लेनचिट फिसलती हुई जाएगी इस तरह उन शब्दों को जोड़कर रामराज शब्द बनेंगे इस तरह स्पष्ट हो जाएगा कि रामराज नाम की आत्मा आपके प्लेनचिट में विराजमान हो गयी है, तब आपको जो भी सवाल पूछना हो वह पूछ सकते है। सभी सवालों का जवाब कटोरी या प्लेनचिट फिसलती हुई देगी। इस प्रयोग में विस्तारित जवाब की आशा न करें। सभी सवालों का जवाब हां या नहीं में प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रयोग को प्रदर्शन के उद्ेश्य से कदापि न करें। हमेशा जन कल्याण की भावना से इस प्रयोग को करना चाहिए। कोई भी सामान्य व्यक्ति या साधक यह प्रयोग सफलतापूर्वक कर सकता है। बसरते प्लेनचिट प्राण प्रतिष्ठा युक्त हो।



आत्मरत्न :- भारत के पौराणिक गं्रथों में एक विशेष प्रकार के रत्न का उल्लेख मिलता है, जिसे ’आत्मरत्न‘ कहते है। इस रत्न को सोने या चांदी की अंगूठी में जड़वाकर पहनने से कोई दिव्य आत्मा हमेशा उसकी रक्षा करती है। विदेशों में इस प्रकार की मुद्रिका को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। विदेशों में बहुत से लोग ऐसी मुद्रिका को धारण किये रहते है। इस रत्न की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे गौर से देखने पर इसकी लकीरें हिलती-डुलती नजर आती हैं। आत्मा आह्वान में इस रत्न की बहुत विशेषता होती है। इसके द्वारा आत्माओं से डायरेक्ट संबंध स्थापित किये जा सकते है। इस मुद्रिका पर त्राटक करते हुए जिस आत्मा का आह्वान किया जाता है, वह आत्मा तुरंत उस रत्न में दिखाई देने लगती है। तब जो भी प्रश्न पूछना हो पूछ सकते हैं। सभी सवालों का जवाब प्रश्नकर्ता के मन में स्वतः मिल जाता है। इस तरह आत्माओं से संपर्क स्थापित करके सभी प्रकार के सवालों का जवाब प्राप्त किया जा सकता है एवं समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।

इस प्रकार आप जनहित एवं लोक कल्याण कर समाज में अपना नाम रोशन कर सकते है। इस क्षेत्र में रूचि रखने वाले साधकों एवं पाठकों को इच्छाशक्ति साधना अवश्य कर लेना चाहिए। जिससे आत्माओं से संपर्क स्थापित करने में कोई कठिनाई न हो। साधना विधि निम्न प्रकार से है – किसी भी माह की पूर्णिमा को रात्रि 10 बजे स्नान कर सफेद धोती पहनकर पूजा कक्ष में पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके बैठ जायें। सामने किसी तख्ते पर सफेद आसन बिछाकर इच्छाशक्ति यंत्र को स्थापित करें। तत्पश्चात विद्युत माला से निम्न मंत्र का 21 माला जप करें। मंत्र – ¬ हृीं क्लीं क्लीं हृीं ¬ इस प्रकार 6 दिन तक करें तो साधक की इच्छाशक्ति तीव्र हो जाती है। वह किसी भी आत्मा से संपर्क स्थापित करने में समर्थ हो जाता है। आत्मा आह्वान मंत्र- ¬ हृीं क्लीं अमुक आत्मा स्थापयामि फट्। उक्त मंत्र को इच्छा शक्ति मंत्र के बाद उसी माला से सात माला जप करना चाहिए। अमुक के स्थान पर जिस आत्मा को बुलाना चाहें उसका नाम लें।

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